Ek Bade Baap Ki Beti Kal Ghar Ke Munsi Sang Dekha Gul Mil Batiya Karte is a song in Hindi
हाँ वो भी क्या दिल थे भला हा हा हाय
जब लाज़ बनती नारिया हाय
हा गैर के साये से भी करती थी पर्दा दारिया
क्या करे अब इस तरह बिगड़ी ज़माने की हवा
लोग परदसे और घूँघट को कहे बीमारिया
एक बड़े बाप की बेटी को कल घर के मुंसी संग
एक बड़े बाप की बेटी को कल घर के मुंसी संग
अरे देखा घुल मिल बतिया करते और जमाते रंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
एक बड़े बाप की बेटी को कल घर के मुंसी संग
देखा घुल मिल बतिया करते और जमाते रंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
अजी शहर से आई B.A पास
हाँ
शहर से आई B.A पास
करेगी गाव का सत्यानाश
करेगी
शहर से आई B.A पास
करेगी गाव का सत्यानाश
चले यु ऊँची sandal डाल
हंस की जैसे कौवा चल
चले यु ऊँची sandal डाल
हंस की जैसे कौवा चल
अरे सुरत पतली नखरे मोटे
बात चित बेढंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी ही
के लग गयी हा
के लग गयी आग ज़माने को
ज़माने को ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
एक बड़े बाप की बेटी को कल घर के मुंसी संग
अरे देखा घुल मिल बतिया करते और जमाते रंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
सुनो अब उस मुंसी का हाल लगे भई सूरत से कंगाल
अच्छा
सुनो अब उस मुंसी का हाल लगे भई सूरत से कंगाल
लगे भई सूरत से कंगाल
तो फिर
कहा से आये कोट पतलून ससुर का खाता होगा माल
ज़रूर
कहा से आये कोट पतलून ससुर का खाता होगा माल
कहा से आये कोट पतलून ससुर का खाता होगा माल
अरे ये नौटंकी देख के भैया गाव है सारा दंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी
के लग गयी हा
के लग गयी आग ज़माने को
ज़माने को ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
एक बड़े बाप की बेटी को कल घर के मुंसी संग
अरे देखा घुल मिल बतिया करते और जमाते रंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
नगर में होता ऐसा पाप न देखेंगे हम तो चुप चाप
नही नही
नगर में होता ऐसा पाप न देखेंगे हम तो चुप चाप
न देखेंगे हम तो चुप चाप
है उसके बात की ऊँची नाक
चलो उस नाक पे डाले खाक
चलो उस नाक पे डाले खाक
अरे एक साथ सब चले तो करदे उसका हुलिया तंग
अरे एक साथ सब चले तो करदे उसका हुलिया तंग
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी आग ज़माने को
के लग गयी हाय
के लग गयी हा
के लग गयी आग ज़माने को