Main Roj Savere Uthke Maa Tere Mandir Mein Aata Hoon is a song in Hindi
हमम
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
पर अब तक समझ नहीं पाया
पर अब तक समझ नहीं पाया
क्यों इतने कष्ट उठाता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मुझे वक़्त ने ठोकर मारी है पर तू मुझको ठुकराना न
पर तू मुझको ठुकराना न पर तू मुझको ठुकराना न
भवनों को छोड़ के जग्दम्बे मेरी कुटिया में आना माँ
मेरी कुटिया में आना माँ मेरी कुटिया में आना माँ
तुम खुद ही देखना है मैया
तुम खुद ही देखना है मैया मैं कैसे समय बिताता हूँ
तुम खुद ही देखना है मैया मैं कैसे समय बिताता हूँ
पर अब तक समझ नहीं पाया
पर अब तक समझ नहीं पाया
क्यों इतना कष्ट उठाता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
दर दर पे जाके मुझसे माँ यह शीश झुकाया जाता नहीं
यह शीश झुकाया जाता नहीं यह शीश झुकाया जाता नहीं
तू बुलाती है मैं आता हूँ खुद ही तो आया जाता नहीं
खुद ही तो आया जाता नहीं खुद ही तो आया जाता नहीं
माँ की इच्छा माँ ही जाने
माँ की इच्छा माँ ही जाने मैं खुदको ही समझाता हूँ
माँ की इच्छा माँ ही जाने मैं खुदको ही समझाता हूँ
पर अब तक समझ नहीं पाया
पर अब तक समझ नहीं पाया
क्यों इतना कष्ट उठाता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
पिछले अवगुण तो पता नहीं इस जनम मैं कुछ भी किया नहीं
इस जनम मैं कुछ भी किया नहीं इस जनम मैं कुछ भी किया नहीं
जो किया कराया तूने ही अपनी मर्ज़ी से किया नहीं
अपनी मर्ज़ी से किया नहीं अपनी मर्ज़ी से किया नहीं
दर्शी तोह भिकारी है दरका
दर्शी तोह भिकारी है दरका हर हाल में शुक्र मनाता हूँ
दर्शी तोह भिकारी है दरका हर हाल में शुक्र मनाता हूँ
पर अब तक समझ नहीं पाया
पर अब तक समझ नहीं पाया
क्यों इतना कष्ट उठाता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ
मैं रोज सवेरे उठके माँ तेरे मंदिर में आता हूँ